कार्बन क्रेडिट ट्रेडिंग स्कीम (सीसीटीएस) के अंतर्गत अनुपालन तंत्र के लिए विस्तृत प्रक्रिया:
उद्देश्यऔररूपरेखा
यह योजना भारत के ग्रीनहाउस गैस (GHG) उत्सर्जन को कम करने के लिए बनाई गई है। इसके तहत भारतीय कार्बन बाजार (ICM) और कार्बन क्रेडिट ट्रेडिंग स्कीम (CCTS) 2023 स्थापित की गई है। इसका उद्देश्य उत्सर्जन में कमी लाकर पर्यावरण को बचाना है।
अनुपालनतंत्र
सरकार ने कुछ संस्थानों को GHG उत्सर्जन कम करने के लक्ष्य दिए हैं। इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए इन संस्थानों को हर साल अपने GHG उत्सर्जन को निर्धारित सीमाओं के भीतर रखना होगा।
GHG उत्सर्जनतीव्रताप्रक्षेपवक्रऔरलक्ष्य
लक्ष्यकैसेनिर्धारितहोतेहैं: विशेषज्ञ समिति द्वारा तकनीकी विश्लेषण के बाद ये लक्ष्य तय किए जाते हैं। इसमें यह देखा जाता है कि किस प्रकार की तकनीक उपलब्ध है, लागत कितनी आएगी, ऊर्जा की बचत कितनी होगी, और कौन से विकल्प अपनाए जा सकते हैं।
उत्सर्जनस्रोत: इसमें तीन प्रमुख स्रोत शामिल हैं – प्रत्यक्ष ऊर्जा उपयोग (जैसे बिजली), प्रत्यक्ष प्रक्रिया उत्सर्जन (उत्पादन प्रक्रिया से उत्सर्जन), और अप्रत्यक्ष ऊर्जा-संबंधित उत्सर्जन (जैसे खरीद की गई बिजली से उत्सर्जन)।
निगरानी, रिपोर्टिंगऔरसत्यापन
निगरानीयोजना: संस्थानों को एक योजना बनानी होगी जिसमें उत्सर्जन की निगरानी, डेटा का नियंत्रण, और उत्सर्जन की गणना कैसे होगी, इसका विवरण होगा।
GHG उत्सर्जनकीगणना: ऊर्जा के उपयोग और उत्पादन प्रक्रिया से उत्सर्जन को CO2 समकक्ष में परिवर्तित किया जाएगा।
सत्यापन: स्वतंत्र एजेंसियाँ इन रिपोर्टों की जांच करेंगी और उत्सर्जन की सत्यता की पुष्टि करेंगी।
कार्बनक्रेडिटप्रमाणपत्र (CCC)
प्रमाणपत्रप्राप्तकरना: जो संस्थान अपने लक्ष्य से कम उत्सर्जन करते हैं, उन्हें कार्बन क्रेडिट प्रमाणपत्र (CCC) दिया जाएगा।
प्रमाणपत्रजमाकरना: जो संस्थान अपने लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाते, उन्हें अपने बैंक किए गए या खरीदे गए CCC जमा करने होंगे।
शासन
राष्ट्रीयसंचालनसमिति (NSC-ICM): यह समिति इस योजना की निगरानी और संचालन करती है। इसमें विभिन्न सरकारी मंत्रालयों, राज्य सरकारों और उद्योग विशेषज्ञों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं।
प्रमुखपरिभाषाएँ
इस दस्तावेज़ में उपयोग किए गए कुछ महत्वपूर्ण शब्द:
गतिविधिडेटा: यह डेटा किसी गतिविधि के परिणामस्वरूप उत्पन्न उत्सर्जन की मात्रा को दर्शाता है।
आधारवर्ष: यह वह वर्ष होता है जिसे उत्सर्जन की तुलना के लिए आधार माना जाता है।
जैविकऊर्जास्रोत: वे स्रोत जो जीवाश्म ईंधन के बजाय बायोमास से उत्पन्न होते हैं।
बायोमास: जैविक पदार्थ जैसे लकड़ी, फसल अवशेष आदि।
गणनाकारक: उत्सर्जन की गणना के लिए उपयोग किए जाने वाले मानक।
प्रत्यक्षऔरअप्रत्यक्ष GHG उत्सर्जन: प्रत्यक्ष उत्सर्जन वे होते हैं जो सीधे स्रोत से उत्पन्न होते हैं, और अप्रत्यक्ष वे जो किसी अन्य प्रक्रिया के माध्यम से होते हैं।